मेरा कोई शिष्य नही|

दीक्षा देता हूँ फिर भी मेरा कोई शिष्य नही| दीक्षा मैने लिया था परंपरा के मार्ग मे | गुरु जिसने मार्ग दिखाया वह किसी परंपरा से ना था| परंपरा का उनसे कुछ लेना देना नही था| परंपरा का दौर उनके ज्ञान से मनवो ने शुरू किया| अरूपिय अशारीरी गुरु को कहाँ मैं देखूँ |अपरंपरा गतContinue reading “मेरा कोई शिष्य नही|”